शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009

मगरमच्छ के देश में...

मगरमच्छ का नाम सुनकर ही मेरे हाँथ-पाओं फूलने लगते हैं और दिल में इक घबराहट सी भी होती है। पर पिछले दिनों मियामी ट्रिप में मैंने मगरमच्छ को अपने हांथों से उठाया। ये बात और है कि मुझे इसके लिए काफी हिम्मत करनी पड़ी। इसी से संवन्धित इक चित्र अपलोड कर रहा हूँ.

मियामी से लगभग २० मील की दुरी पर ही 'Everglade' नेशनल पार्क शुरू हो जाता है। शहर के भीड़ से दूर ये काफी सुनसान जंगली इलाका है। पर 'Everglade' एरिया अपने आप में है काफी रोमांचक। पेड़ पौधों से भरा ये जंगल वैसे तो मगरमच्छ के लिए परसिद्ध है पर यहाँ आपको कई सारे जानवर दिख जाते हैं। पक्षियों से भी ये जंगल भरा पड़ा है। रास्ते में कैम्पिंग के बड़े सारे आप्शन है। खाने-पीने की कोई सुविधा रस्ते में नही है, इसलिए आपको ये सारे इंतजाम करके ही वहां जाना होता है। दूर दूर तक सिर्फ़ इक सड़क और सड़क के दोनों और पेड़ -पौधे। पास से ही गुजरती हुई इक नदी और नदी में मछली पकड़ते जंगल के लोग।
मैंने लगभग ९० मील रूट ४१ पर ड्राइव किया जो 'Everglade' नेशनल पार्क के बीच से जाता है। पूरे रास्ते मुझे ५-१० लोग ही दिखे। ज्यादातर ये 'इंडियन' का इलाका है। अमेरिका में पुराने रहने वाले लोगो को इंडियन ही कहते हैं। नोट करें - ये भारतीय नहीं है और आज भी ये झोपडियों में रहना पसंद करते हैं। ये चित्र मीकोशुकी इंडियन विलेज का है। यहाँ पर इंडियन द्वारा बनाये काफी सामान मिलता है। ऐसा लगता है जंगलों के आसपास रहनेवाले लोग समान ही है। रास्ते में कई जगह मुझे इंडियन के गाँव मिले. हर जगह ज्यादा आवादी तो नहीं थी, सुनसान ही था. लगभग १-२ घंटे के ड्राइव के बाद मुझे थोडी परेशानी हुई कि ये मैं कहाँ आ गया. रास्ते में इक छोटी सी नदी के किनारे नीचे का चित्र लिया गया है. यहाँ दो मगर अटखेलियाँ करते नज़र आ रहे हैं। ये नज़ारा आपको कई जगह मिल जायेंगे। पर कहते हैं अगर आप 'Everglade' गए और मोटर-बोट से पार्क का टूर नहीं किए, तो जाना बेकार ही हुआ। मोटर-बोट से टूर करने का मज़ा ये हैं की आपके पास गाइड भी होता है और वो पार्क के बारे में काफी डिटेल में बताता है। दलदली रास्तों पर आधुनिक बोट से सफारी किसे पसंद नहीं आएगा। रास्ते में मगर का दिखना तो बहुत ही साधारण है।

ये नीचे का चित्र बोट से लिया गया है। इस चित्र में दलदली नदी और उसमे विचरण करते मगर को देख सकते हैं। कितने आराम से ये मगर अप्रैल के गर्म मौसम का मज़ा ले रहा है।








शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009

मिआमी से कीवेस्ट तक का सफर

कीवेस्ट को फ्लोरिडा का सबसे प्यारा शहर कहा जा सकता है। प्यारा इसलिए कयोंकि यहाँ आने के बाद आपको इस शहर से प्यार हो जाएगा और आप यहीं के होकर रह जाना चाहेंगे। बैसे ये पोस्ट 'मिआमी से कीवेस्ट' तक के सफर के बारे में हैं, फिर भी मैं बार बार कीवेस्ट के बारे में लिखने के लिए बेकल हो रहा हूँ। मेरा फ्लोरिडा ट्रिप सिर्फ़ और सिर्फ़ कीवेस्ट के कारण ही बन पाया।
कीवेस्ट को अमेरिका का साऊथमोस्ट पॉइंट कहा जाता है। आप नीचे के चित्र में देख सकते हैं, क्युबा इस पॉइंट से सिर्फ़ ९० माइल की दुरी पर है। कहते है, किसी ज़माने में क्युबा से बहुत सारे लोग गैरकानूनी रूप से इसी समुद्र के रास्ते से अमेरिका आए थे। वैसे यहाँ आने का एक सुगम और आसान रास्ता भी है। आप बड़े आराम से मियामी से कीवेस्ट का सफर तय कर सकते हैं। कीवेस्ट से मियामी लगभग १२९ माईल या २०७ किलोमीटर की दुरी पर है। मियामी से निकलते ही ओवरसीज़ हाइवे आ जाता है जो की १२७ मील लंबा है। ये हाइवे १७०० टापूयों को जोड़ता है। कीवेस्ट उसी १७०० में से इक टापू है। नीचे के तस्वीर में आप देख सकते हैं कैसे आप 'B' (miyami) से 'A' (Keywest) तक का सफर तय करते हैं। इस रास्ते के इक तरफ़ 'बे आफ मक्सिको' है और दूसरी तरफ़ 'अटलांटिक ओसियन'। आप महसूस कर सकते हैं इस पतले से रास्ते से कार ड्राइव करना और रास्ते के दोनों तरफ़ समुन्द्र के बहने का दृश्य कितना आनंदमय होगा। रास्ते में आप रुक भी सकते हैं और फोटोग्राफी भी कर सकते हैं। रास्ते में आपको कई सारे आधुनिक तरीके से बनाये हुए ब्रिज मिलते हैं। ये ब्रिज छोटे छोटे टापुओं को इक दुसरे से जोड़ते है और आपका मन मोहते है। कई सारे टूरिस्ट और लोकल आपको इस ब्रिज पर फिशिंग करते दिखेंगे। कीवेस्ट आने से पहले आपको कीलार्गो, इस्लामोरादा, मेराथन और पाइन-की जैसे आबादी बाले टापू दिखेंगे। रास्ते में कई सारे छोटे बड़े होटल भी हैं। खाने-पीने की भी अच्छी व्यबस्था है। कई सारे फ़ूड ऑप्शन्स आपके पास होता है। अगर कुछ न मिला तो फिश और सी-फ़ूड तो मिल ही जायेंगे। वाटर स्पोर्ट्स के लिए कीवेस्त को जन्नत कहा गया है। नीचे का चित्र मियामी से कीवेस्ट जाते समय का है। आपको ऐसे कई जगह मिलेंगे जहाँ से आप समुन्द्र का फोटोग्राफ ले सकते हैं.
मियामी से कीवेस्ट अपनी कार से ड्राइव करने पर ४ घंटे लगते हैं और ये ४ घंटे का पूरा सफ़र प्राकृतिक नजारों से भरी पड़ी है। दूर दूर तक समुन्द्र की लहरों का फैलाव और ठंडे ठंडे हवा का आपसे टकराना इक सुखद अनुभव है। ड्राइव करते समय सिर्फ ये ध्यान रखना है की आप सिंगल लेन पर ड्राइव कर रहे हैं और यहाँ अधिकतम स्पीड 45 mph ही है। फ्रीवे पर आप 70-75 mph के स्पीड से कार चलाते हैं, इसलिए ये जरुरी है की आप ओवरसीज़ हाइवे पर अपनी आदत बदल ले और कार कण्ट्रोल में चलायें। पेट्रोल के लिए रास्ते में काफी आप्शन है, फिर भी मियामी से टैंक फुल करके चलना अच्छा रहेगा। मैं फ्लोरिडा के पुरे सफ़र में SONATA V6 ड्राइव किया। मेरे समझ से ये ड्राइव काफी मेमोरेवल रहा। अगर मौका मिले तो मैं फिर से मियामी से कीवेस्ट तक का ड्राइव करना चाहूँगा। अगले अंक में मैं कीवेस्ट के बारे में और लिखना चाहूँगा। वहां मैंने जो वाटर स्पोर्ट्स का लुत्फ़ उठाया उनका वर्णन करूँगा। वैसे कीवेस्ट का सनसेट भी काफी लुभावना है। अगर आपको और जानकारी चाहिए तो कमेन्ट अवश्य करे।

गुरुवार, 9 अप्रैल 2009

ट्रिप टू फ्लोरिडा

कल ही मैं ८ दिनों के फ्लोरिडा ट्रिप से वापस आया हूँ। मेरे पास लिखने के लिए बहुत कुछ है। मैं कोशिश करूँगा कि मैं अपने ट्रिप के बारे में अच्छे से लिखूं। इस ट्रिप में मैंने ओरलांडो, मियामी और की-वेस्ट जैसे बहुत ही मनोरम जगहों को घुमा। ये मेरे अबतक का सबसे अच्छा ट्रिप है, इसलिए मैं इसे काफी विस्तार में लिखूंगा। अगर आपको पसंद आए तो आप कमेन्ट जरुर करें। आप इस ट्रिप के बारे में क्या क्या जानना चाहते है वो भी लिखे।

बुधवार, 11 मार्च 2009

होली की बधाई

होली रंगों का त्योहार है, पर सिनसिनाटी में ज्यादा कुछ कर नही सके। प्रवासी होने का कुछ तो फर्क होता ही है । मैं आज रंग तो खेल नहीं पाया, सोंचा ब्लॉग पर सबको बधाई दे दूँ। होली तो मुंगेर की ही अच्छी थी। खाना, पीना, सबके घर जाना, बडो के पांव पर अबीर देना और छोटों के सर पर अबीर का टीका लगाना।



गुरुवार, 5 मार्च 2009

'नियाग्रा फाल'


क्या आपका भगवान पर विश्वास है ? अगर नहीं है, तो इक बार आप 'नियाग्रा फाल' अवश्य जाइये। वहां पहुंचकर शायद पहली बार आपको भगवान की सबलता का अहसास होगा। इतनी ऊँचाई से गिरते जल के सैलाब को देखकर, आप भयभीत भी हो सकते हैं। पर डरिये नहीं, स्वीकार कीजिये उपरवाले के शक्ति और सामर्थ्य को और खो जाइए इस जल-प्रपात में।
'नियाग्रा फाल' हमारे घर से लगभग ८ घंटे के ड्राइव पर है। अगर सुबह के ६ बजे आप सिनसिनाटी से निकले, तो दोपहर २-३ बजे तक आप नियाग्रा पहुँच सकते हैं। नियाग्रा जाने के रास्ते में आपको कोलंबस और एइरी जैसे कई शहर मिलेंगे। बुफैलो सिटी क्रॉस करते ही नियाग्रा आ जाता हैं। बुफैलो पहुँचते ही हम सब काफी उत्साहित हो गये थे। हमारा होटल फाल से ज्यादा दूर नहीं था। होटल पहुंचकर थोड़ा फ्रेश हुए और चल दिए उस हुंकार की ओर , जो सारे वातावरण को अपने अट्टहास से सराबोर किए हुए था। वहां पहुंचकर पता चला 'मेड ऑफ़ द मिस्ट' और 'केव ऑफ़ द विंड' नियाग्रा के दो मुख्य आकर्षण हैं। ये दोने टूर एक दोने से काफी भिन्न है, शायद इसलिए आपको ये दोने टूर करना चाहिए।। 'मेड ऑफ़ द मिस्ट' टूर में आप एक बोट से फाल के करीब जाते हैं। इस दौरान आप नियाग्रा को बड़े अच्छे से महसूस कर सकते हैं। जैसे ही फाल के करीब पहुंचेगे, निश्चय ही आप 'मिस्ट' से भींग चुके होंगे। आपकी आंखे शायद कूदते-फानते जल की छोटी-छोटी बूंदों से नहाकर बंद होना चाहेंगी , फिर भी आप अपनी आंखे खोले रखेंगे और चाहेंगे ऊपरवाले के इस शक्ति पर्दर्शन का पुरी तरह से दीदार करना। जब आप वहां से लौटेंगे तो सिर्फ़ आपकी आंखों में खुशी और ह्रदय में संतुष्टि होगी। अभी आपको वापस नही जाना है, अभी तो आपको 'केव ऑफ़ द विंड' भी जाना है। 'केव ऑफ़ द विंड' टूर में आप नियाग्रा फाल के ठीक नीचे पहुँचते हैं। अमेरिकन सरकार ने जिस बारीकी से 'केव' ( गुफा) का निर्माण करवाया है वो काबिले तारीफ है। गुफा में काफी ठण्ड होती है। गुफा से गुजरकर ही आप नियाग्रा के पास पहुँचते हैं। आप चाहे तो अपने हांथो से गिरते जल को छू भी सकते हैं और अगर आप चाहे तो पुरी तरह नहा भी सकते हैं।। अगर आपको लगता है की आप बहुत ताकतवर हैं तो गिरते जल के थोड़ा और करीब जाईये। काफी तीव्र गाती से गिरते जल का विरोध आप ज्यादा देर तक नहीं कर सकते। नियाग्रा के सबसे नजदीक पहुँचते पहुंचते आप थक चुके होते हैं फिर भी आप लौटने का नाम नही लेते। जब आप वहां से वापस लौटते हैं तो बस यही ख्याल रहता है, काश थोड़ा और रुक सके। नियाग्रा ऐसी जगह है जहाँ आप दुबारा अवश्य जाना चाहेंगे।

मंगलवार, 17 फ़रवरी 2009

सांड की सवारी (बुल रायडिंग)

हाथी, घोडे और ऊंट की सवारी तो आप सबने सुन रखी है. चलिए आज मैं आपको सांड की सवारी के बारे में बताता हूँ. पिछले हफ्ते हमलोग 'सिनसिनाटी गार्डन' गए थे. वहां सांड-सवारों की इक पर्तियोगता थी. 'सिनसिनाटी गार्डन' काफी बड़ा इनडोर स्टेडियम है. यहाँ अक्सर कोई न कोई प्रोग्राम होता रहता है. जब हमलोग रात के ८ बजे पहुंचे, तो वहां काफी भीड़ थी. मुझे लगा टिकट नही मिलेगा. पर हमलोगों को टिकट मिल गया और हम स्टेडियम के अन्दर पहुंचे. वहां ३० सांड-सवार पर्तियोगिता में हिस्सा लेने आए हुए थे. पहले तो मुझे लगा ये सांड सवारों को अपने ऊपर बैठने नहीं देंगा और मेरा ये सोंचना ग़लत भी नही नहीं था. जैसे ही पहला सवार सांड के ऊपर बैठा, सांड ने उसे पीठ से जमीन पर पटक दिया. पहला सवार सांड के पैर के नीचे आते आते बचा. सिर्फ़ २-३ सेकंड में काम तमाम. तभी दूसरा सवार अपने सांड के साथ शुरुआत किया और लगभग ४-५ सेकंड में ही वो जमीन पर आ गिरा. तभी सांड ने अपने सिंग से ऊसके पेट पर वार कर दिया और सभी के दिलों की धरकन थोड़े देर के लिए रुक सी गयी. डॉक्टर के आने के बाद भी वो सवार उठ नहीं पाया. १५ मिनट तक ये पर्तियोगिता बंद रही और अंत में दूसके सवार को मैदान से बाहर स्ट्रेचर पर ले जाया गया. इसी तरह बारी बारी से सभी पर्तियोगी सांड की सवारी करते रहे. उन सबो को अधिक से अधिक समय सांड के ऊपर बैठना था. जो सबसे ज्यादा समय तक बैठेगा वही प्रतियोगिता जीत जाएगा. जिस तरह से सांड उचक रहा था और सवार को पटक रहा था, उससे मुझे लग नहीं रहा था की कोई ५ सेकंड से ज्यादा बैठ पायेगा. वहां काफी बच्चे आए हुए थे और वो खूब मजे भी कर रहे थे. दिल थामकर बैठना और और प्रतियोगी को सांड से गिरते देखना बड़ा अजीब लग रहा था. अंत में विजेता की घोषणा हुई और आपको जानकर खुशी होगी की एक प्रतियोगी ने १८ सेकंड तक सांड के ऊपर बैठा रहा. सांड ने लाख कोशिश की पर सवार अपने आपको बचाए रखा. पर वो कब तक खैर मनाता, सांड ने गोल गोल चक्कर मारते हुए अपने पीठ को उचकाया और सवार जमीन पर. पुरे १८ सेकंड उसने सवारी की और प्रतियोगता का विजेता चुना गया.
अगर आपको अगली बार मौका मिले तो जरुर एन्जॉय कीजिये सांड-सवार प्रतियोगिता !

सोमवार, 16 फ़रवरी 2009

मंगोलियन रेस्टोरेंट

खाने पीने के शौकीन लोगो के लिए सिनसिनाटी बहुत अच्छा शहर है। यहाँ बहुत किस्म के रेस्टोरेंट उपलब्ध हैं, जैसे की इटालियन, फ्रेंच, मैक्सिकन, अमेरिकन, मंगोलियन, चाइनिज़, इंडियन, पाकिस्तानी, तुर्किश इत्यादि।

कल हमलोग मंगोलियन रेस्टोरेंट गए थे। ये मैसन एरिया का एक अच्छा रेस्टोरेंट है। वैसे मुझे यहाँ मंगोल की कोई संस्कृति नहीं दिखायी दी। मुझे ये ज्यादातर अमेरिकन रेस्टोरेंट ही लगा। यहाँ आपको अपने पसंद का मीट चुनना होता है। आप चाहे तो लैम्ब , चिकेन , फिश में से एक या एक से अधीक मीट चुन सकते हैं। आप चाहे तो कुछ सब्जियां भी इसमे मिला लीजिये। मशाले के लिए बहुत सारे आप्सन हैं। पसंद किया सारा समान आपको एक कुक को देना होता है। वो कुक आपके सामने ही, आपके पसंद किए हुए सारी सामग्री को ग्रिल करता हैं। लीजिये आपका डिश तैयार हो गया। आप अपने डिश को चावल या बरिटो के साथ खा सकते हैं।

मैंने लैम्ब, चिकेन, फिश, स्काल्प, क्रैब, प्याज, टमाटर, शिमला मिर्च, झींगा, लहसुन, अदरख, हॉट सौस इत्यादि को चुना और ग्रिल करवाया। स्वाद उम्मीद से ज्यादा बेहतर था। अपने खाने को मैंने काफी एन्जॉय भी किया। अगर वक्त मिले तो आप भी पहुँच जाइये किसी मंगोलियन रेस्टोरेंट में और मजे कीजिये अपने पसंद के ग्रिल के साथ।