बुधवार, 11 मार्च 2009

होली की बधाई

होली रंगों का त्योहार है, पर सिनसिनाटी में ज्यादा कुछ कर नही सके। प्रवासी होने का कुछ तो फर्क होता ही है । मैं आज रंग तो खेल नहीं पाया, सोंचा ब्लॉग पर सबको बधाई दे दूँ। होली तो मुंगेर की ही अच्छी थी। खाना, पीना, सबके घर जाना, बडो के पांव पर अबीर देना और छोटों के सर पर अबीर का टीका लगाना।



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