शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009
मगरमच्छ के देश में...
शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009
मिआमी से कीवेस्ट तक का सफर
कीवेस्ट को अमेरिका का साऊथमोस्ट पॉइंट कहा जाता है। आप नीचे के चित्र में देख सकते हैं, क्युबा इस पॉइंट से सिर्फ़ ९० माइल की दुरी पर है। कहते है, किसी ज़माने में क्युबा से बहुत सारे लोग गैरकानूनी रूप से इसी समुद्र के रास्ते से अमेरिका आए थे। वैसे यहाँ आने का एक सुगम और आसान रास्ता भी है। आप बड़े आराम से मियामी से कीवेस्ट का सफर तय कर सकते हैं। कीवेस्ट से मियामी लगभग १२९ माईल या २०७ किलोमीटर की दुरी पर है। मियामी से निकलते ही ओवरसीज़ हाइवे आ जाता है जो की १२७ मील लंबा है। ये हाइवे १७०० टापूयों को जोड़ता है। कीवेस्ट उसी १७०० में से इक टापू है। नीचे के तस्वीर में आप देख सकते हैं कैसे आप 'B' (miyami) से 'A' (Keywest) तक का सफर तय करते हैं। इस रास्ते के इक तरफ़ 'बे आफ मक्सिको' है और दूसरी तरफ़ 'अटलांटिक ओसियन'। आप महसूस कर सकते हैं इस पतले से रास्ते से कार ड्राइव करना और रास्ते के दोनों तरफ़ समुन्द्र के बहने का दृश्य कितना आनंदमय होगा। रास्ते में आप रुक भी सकते हैं और फोटोग्राफी भी कर सकते हैं। रास्ते में आपको कई सारे आधुनिक तरीके से बनाये हुए ब्रिज मिलते हैं। ये ब्रिज छोटे छोटे टापुओं को इक दुसरे से जोड़ते है और आपका मन मोहते है। कई सारे टूरिस्ट और लोकल आपको इस ब्रिज पर फिशिंग करते दिखेंगे। कीवेस्ट आने से पहले आपको कीलार्गो, इस्लामोरादा, मेराथन और पाइन-की जैसे आबादी बाले टापू दिखेंगे। रास्ते में कई सारे छोटे बड़े होटल भी हैं। खाने-पीने की भी अच्छी व्यबस्था है। कई सारे फ़ूड ऑप्शन्स आपके पास होता है। अगर कुछ न मिला तो फिश और सी-फ़ूड तो मिल ही जायेंगे। वाटर स्पोर्ट्स के लिए कीवेस्त को जन्नत कहा गया है। नीचे का चित्र मियामी से कीवेस्ट जाते समय का है। आपको ऐसे कई जगह मिलेंगे जहाँ से आप समुन्द्र का फोटोग्राफ ले सकते हैं.
मियामी से कीवेस्ट अपनी कार से ड्राइव करने पर ४ घंटे लगते हैं और ये ४ घंटे का पूरा सफ़र प्राकृतिक नजारों से भरी पड़ी है। दूर दूर तक समुन्द्र की लहरों का फैलाव और ठंडे ठंडे हवा का आपसे टकराना इक सुखद अनुभव है। ड्राइव करते समय सिर्फ ये ध्यान रखना है की आप सिंगल लेन पर ड्राइव कर रहे हैं और यहाँ अधिकतम स्पीड 45 mph ही है। फ्रीवे पर आप 70-75 mph के स्पीड से कार चलाते हैं, इसलिए ये जरुरी है की आप ओवरसीज़ हाइवे पर अपनी आदत बदल ले और कार कण्ट्रोल में चलायें। पेट्रोल के लिए रास्ते में काफी आप्शन है, फिर भी मियामी से टैंक फुल करके चलना अच्छा रहेगा। मैं फ्लोरिडा के पुरे सफ़र में SONATA V6 ड्राइव किया। मेरे समझ से ये ड्राइव काफी मेमोरेवल रहा। अगर मौका मिले तो मैं फिर से मियामी से कीवेस्ट तक का ड्राइव करना चाहूँगा। अगले अंक में मैं कीवेस्ट के बारे में और लिखना चाहूँगा। वहां मैंने जो वाटर स्पोर्ट्स का लुत्फ़ उठाया उनका वर्णन करूँगा। वैसे कीवेस्ट का सनसेट भी काफी लुभावना है। अगर आपको और जानकारी चाहिए तो कमेन्ट अवश्य करे।
गुरुवार, 9 अप्रैल 2009
ट्रिप टू फ्लोरिडा
बुधवार, 11 मार्च 2009
होली की बधाई
गुरुवार, 5 मार्च 2009
'नियाग्रा फाल'
'नियाग्रा फाल' हमारे घर से लगभग ८ घंटे के ड्राइव पर है। अगर सुबह के ६ बजे आप सिनसिनाटी से निकले, तो दोपहर २-३ बजे तक आप नियाग्रा पहुँच सकते हैं। नियाग्रा जाने के रास्ते में आपको कोलंबस और एइरी जैसे कई शहर मिलेंगे। बुफैलो सिटी क्रॉस करते ही नियाग्रा आ जाता हैं। बुफैलो पहुँचते ही हम सब काफी उत्साहित हो गये थे। हमारा होटल फाल से ज्यादा दूर नहीं था। होटल पहुंचकर थोड़ा फ्रेश हुए और चल दिए उस हुंकार की ओर , जो सारे वातावरण को अपने अट्टहास से सराबोर किए हुए था। वहां पहुंचकर पता चला 'मेड ऑफ़ द मिस्ट' और 'केव ऑफ़ द विंड' नियाग्रा के दो मुख्य आकर्षण हैं। ये दोने टूर एक दोने से काफी भिन्न है, शायद इसलिए आपको ये दोने टूर करना चाहिए।। 'मेड ऑफ़ द मिस्ट' टूर में आप एक बोट से फाल के करीब जाते हैं। इस दौरान आप नियाग्रा को बड़े अच्छे से महसूस कर सकते हैं। जैसे ही फाल के करीब पहुंचेगे, निश्चय ही आप 'मिस्ट' से भींग चुके होंगे। आपकी आंखे शायद कूदते-फानते जल की छोटी-छोटी बूंदों से नहाकर बंद होना चाहेंगी , फिर भी आप अपनी आंखे खोले रखेंगे और चाहेंगे ऊपरवाले के इस शक्ति पर्दर्शन का पुरी तरह से दीदार करना। जब आप वहां से लौटेंगे तो सिर्फ़ आपकी आंखों में खुशी और ह्रदय में संतुष्टि होगी। अभी आपको वापस नही जाना है, अभी तो आपको 'केव ऑफ़ द विंड' भी जाना है। 'केव ऑफ़ द विंड' टूर में आप नियाग्रा फाल के ठीक नीचे पहुँचते हैं। अमेरिकन सरकार ने जिस बारीकी से 'केव' ( गुफा) का निर्माण करवाया है वो काबिले तारीफ है। गुफा में काफी ठण्ड होती है। गुफा से गुजरकर ही आप नियाग्रा के पास पहुँचते हैं। आप चाहे तो अपने हांथो से गिरते जल को छू भी सकते हैं और अगर आप चाहे तो पुरी तरह नहा भी सकते हैं।। अगर आपको लगता है की आप बहुत ताकतवर हैं तो गिरते जल के थोड़ा और करीब जाईये। काफी तीव्र गाती से गिरते जल का विरोध आप ज्यादा देर तक नहीं कर सकते। नियाग्रा के सबसे नजदीक पहुँचते पहुंचते आप थक चुके होते हैं फिर भी आप लौटने का नाम नही लेते। जब आप वहां से वापस लौटते हैं तो बस यही ख्याल रहता है, काश थोड़ा और रुक सके। नियाग्रा ऐसी जगह है जहाँ आप दुबारा अवश्य जाना चाहेंगे।
मंगलवार, 17 फ़रवरी 2009
सांड की सवारी (बुल रायडिंग)
अगर आपको अगली बार मौका मिले तो जरुर एन्जॉय कीजिये सांड-सवार प्रतियोगिता !
सोमवार, 16 फ़रवरी 2009
मंगोलियन रेस्टोरेंट
खाने पीने के शौकीन लोगो के लिए सिनसिनाटी बहुत अच्छा शहर है। यहाँ बहुत किस्म के रेस्टोरेंट उपलब्ध हैं, जैसे की इटालियन, फ्रेंच, मैक्सिकन, अमेरिकन, मंगोलियन, चाइनिज़, इंडियन, पाकिस्तानी, तुर्किश इत्यादि।
कल हमलोग मंगोलियन रेस्टोरेंट गए थे। ये मैसन एरिया का एक अच्छा रेस्टोरेंट है। वैसे मुझे यहाँ मंगोल की कोई संस्कृति नहीं दिखायी दी। मुझे ये ज्यादातर अमेरिकन रेस्टोरेंट ही लगा। यहाँ आपको अपने पसंद का मीट चुनना होता है। आप चाहे तो लैम्ब , चिकेन , फिश में से एक या एक से अधीक मीट चुन सकते हैं। आप चाहे तो कुछ सब्जियां भी इसमे मिला लीजिये। मशाले के लिए बहुत सारे आप्सन हैं। पसंद किया सारा समान आपको एक कुक को देना होता है। वो कुक आपके सामने ही, आपके पसंद किए हुए सारी सामग्री को ग्रिल करता हैं। लीजिये आपका डिश तैयार हो गया। आप अपने डिश को चावल या बरिटो के साथ खा सकते हैं।
मैंने लैम्ब, चिकेन, फिश, स्काल्प, क्रैब, प्याज, टमाटर, शिमला मिर्च, झींगा, लहसुन, अदरख, हॉट सौस इत्यादि को चुना और ग्रिल करवाया। स्वाद उम्मीद से ज्यादा बेहतर था। अपने खाने को मैंने काफी एन्जॉय भी किया। अगर वक्त मिले तो आप भी पहुँच जाइये किसी मंगोलियन रेस्टोरेंट में और मजे कीजिये अपने पसंद के ग्रिल के साथ।
रविवार, 15 फ़रवरी 2009
पीटर पैन म्युजिकल
गायत्री मंत्र
ॐ - स्वर जो अध्यात्म से भरा है। देवों के देव।
भू - धरती या भूमी
र्भुवः - वातावरण
स्वः - वातावरण के अलावा, स्वर्ग
तत् - वो
सवितुर - सूर्य या तेजोमय
वरेण्यं - नमन करने लायक
भर्गो - महत्ता या शक्ति
देवस्य - भगवान
धीमहि - ध्यान करना
धियो - ज्ञान
यो - कौन, उनके सिवा
नः - हमारे या हमें
प्रचोदयात् - देने का आग्रह
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परमपिता परमेश्वर, जो धरती, आकाश और ब्रह्माण्ड के स्वामी हैं। जो दिव्यमान ज्योति हैं और नमन के योग्य हैं। उस शक्तिमान देव का मैं ध्यान करता हूँ और उनसे ज्ञान की याचना करता हूँ ।
मैंने दो घंटे से ज्यादा समय ऊपर के भावार्थ को समझने में लगाया, पर अंत में अच्छा लगा गायत्री मंत्र के भाव को समझकर। वर्षों से मैं गायत्री मंत्र पढ़ रहा था बिना मतलब समझे। अब अच्छा लगेगा भाव के साथ मंत्र पढ़कर।
शनिवार, 14 फ़रवरी 2009
वेलेनटाइन-डे का हो-हल्ला
वैसे आज हमलोग भी 'He's Just Not That Into You' मूवी देखने गए थे। मुझे रोमांटिक मूवी पसंद नहीं है , पर ठीक है, चला गया।